किरदार वाले लोग अब रह गए थोड़े |
दस्तार वाले लोग अब रह गए थोड़े ||
अफ़सोस है इस देश को जो चलाएंगे |
सरकार वाले लोग अब रह गए थोड़े ||
अपना समझ के आप से दिल मिलाये जो |
अधिकार वाले लोग अब रह गए थोड़े ||
ख़बरों में जो आईने जैसी चमक रक्खे |
अख़बार वाले लोग अब रह गए थोड़े ||
खायें क़सम झूठी वफ़ायें निभाने की |
इक़रार वाले लोग अब रह गए थोड़े ||
दीन-ओ-इमां से दूर अब भागते हैं लोग |
अज़कार वाले लोग अब रह गए थोड़े ||
इल्मे -उरूज़ अब शायरी में नहीं ‘सैनी’|
अशआर वाले लोग अब रह गए थोड़े ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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