नज़र लगती है जब आने किसी बीमार की हिम्मत |
तो बढ़ जाती है उसके पूरे ही परिवार की हिम्मत ||
दिखाने को दिखाले तू हमें हथियार की हिम्मत |
कभी तू देख तो आकर हमारे प्यार की हिम्मत ||
सुना है ताब उसके हुस्न की सूरज से बढ़ कर है |
मेरा कमज़ोर दिल कैसे करे दीदार की हिम्मत ||
तुम्हारे इक इशारे पर हमारी जान हाज़िर है |
भला हम में कहाँ से आयेगी इन्कार की हिम्मत ||
निकलते हैं वो जब घर से पडौसी तंज़ करता है |
दिन -ओ -दिन बढ़ रही है देखिये बदकार की हिम्मत ||
सही लोगों को चुन कर भेजिए इक बार संसद में |
ग़लत करने की कुछ होगी नहीं सरकार की हिम्मत ||
अगर हम एक हो जाए रहे मिलकर सलीक़े से |
फ़ना कर दे हमें होगी नहीं ग़द्दार की हिम्मत ||
भरोसा है नहीं मुझको ज़माने के वसीले का |
हमेशा काम आती है मेरे किरदार की हिम्मत ||
संभलना तुम ज़रा ‘सैनी’न पड़ जाओ मुसीबत में |
बुढापे में दिखाने चल पड़े बेकार की हिम्मत ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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