Monday, 2 April 2012

हिम्मत


नज़र लगती है जब आने किसी बीमार की हिम्मत |
तो बढ़ जाती  है उसके पूरे ही परिवार  की  हिम्मत ||

दिखाने  को  दिखाले  तू   हमें  हथियार  की  हिम्मत |
कभी  तू देख  तो  आकर  हमारे  प्यार   की  हिम्मत ||

सुना  है  ताब  उसके  हुस्न   की सूरज से बढ़ कर  है |
मेरा  कमज़ोर   दिल  कैसे करे   दीदार  की  हिम्मत ||

तुम्हारे  इक  इशारे   पर   हमारी   जान   हाज़िर   है |
भला  हम  में  कहाँ  से  आयेगी इन्कार की हिम्मत ||

निकलते  हैं  वो  जब  घर   से  पडौसी  तंज़ करता  है |
दिन -ओ -दिन बढ़ रही है देखिये बदकार की हिम्मत ||

सही लोगों को  चुन  कर  भेजिए  इक  बार  संसद  में |
ग़लत करने की कुछ होगी नहीं सरकार की  हिम्मत ||

अगर  हम  एक  हो  जाए  रहे  मिलकर  सलीक़े  से |
फ़ना  कर  दे  हमें  होगी   नहीं  ग़द्दार   की  हिम्मत ||

भरोसा   है  नहीं   मुझको   ज़माने   के   वसीले  का |
हमेशा  काम  आती  है   मेरे  किरदार  की  हिम्मत ||

संभलना तुम ज़रा ‘सैनी’न पड़ जाओ मुसीबत  में |
बुढापे  में  दिखाने   चल  पड़े  बेकार  की  हिम्मत ||

डा० सुरेन्द्र  सैनी 



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