साफ़ सुथरी है नीयत अगर |
हमसे मिलिए उठा कर नज़र ||
रोज़ सपनो में आता है तू |
आ ज़रा सामने बात कर ||
पहले आने का वादा करो |
तब ही सो पाऊंगा रात भर ||
तेरी ज़ुल्फ़ों में मैं क़ैद हूँ |
जाऊंगा भी कहाँ भाग कर ||
प्यार माना कि तुझसे हुआ |
एक दुश्मन बढ़ा है मगर ||
आप पर क्या निछावर करूँ |
दिल भी नकली है नकली जिगर ||
बदनसीबी न टाले टले |
दौडियेगा इधर से उधर ||
ज़ुर्म दुनिया में कर चाहे तू |
दोस्ती में न पर घात कर ||
लड़ते -लड़ते वो थकते नहीं |
प्यार करते हैं पर मुख़्तसर ||
मुझको ले डूबेगी सादगी |
मुझको एसी नहीं थी ख़बर ||
ग़म के आँसूं पिए किस तरह |
सीख ‘सैनी ’ से तू भी हुनर ||
डा० सुरेन्द्र सैनी